सच्चा प्यार क्या होता है ।
आपने सच्चे प्यार की बोहत सी कहानिया सुनी होगी और काफी स्टोरिस भी पढ़ी होगी । पर आपको पूरी जानकारी नही मिली होगी, दोस्तो एक बातको तो आप समज लो कि सच्चा प्यार करते नही है, लेकिन हो जाता है
सच्चे प्यार में दो लोग और एक जान हो जाते है , अगर एक को कोई प्रॉब्लम आये तो दूसरा उससे भी ज्यादा टेंशन में आ जाता है और उसके दुख की घड़ी में हाथ से हाथ मिलाकर चलते है , इसी को प्यार कहा जाता है ।
सच्चे प्यार में निस्वार्थ भाव होता है ।
अगर आप रिलेशनशिप में है और अपना साथी आपके ऊपर बोहत शक कर रहा है और वो कोई भी काम नही करने देता तो उसका प्यार या तो जूठा है और या तो वो प्यार का मतलब नही समझता और तुम्हारे प्यार में अंधा हो चुका है। पर सच्चे प्यार में शक करना या उस व्यक्ति को रोकना या टोकना गलत है आपके साथी को अकेला छोड़ देना चाहिए अगर वो आपको सच्चा प्यार करता होगा तो आपको मिलने से दुनिया की कोई भी ताकत नही रोक सकती ।
सच्चे प्यार में दो लोग और एक जान हो जाते है , अगर एक को कोई प्रॉब्लम आये तो दूसरा उससे भी ज्यादा टेंशन में आ जाता है और उसके दुख की घड़ी में हाथ से हाथ मिलाकर चलते है , इसी को प्यार कहा जाता है ।
सच्चे प्यार में निस्वार्थ भाव होता है ।
अगर आप रिलेशनशिप में है और अपना साथी आपके ऊपर बोहत शक कर रहा है और वो कोई भी काम नही करने देता तो उसका प्यार या तो जूठा है और या तो वो प्यार का मतलब नही समझता और तुम्हारे प्यार में अंधा हो चुका है। पर सच्चे प्यार में शक करना या उस व्यक्ति को रोकना या टोकना गलत है आपके साथी को अकेला छोड़ देना चाहिए अगर वो आपको सच्चा प्यार करता होगा तो आपको मिलने से दुनिया की कोई भी ताकत नही रोक सकती ।
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